


भारत ने 2015 से 2024 के बीच विदेशी सैटेलाइट लॉन्च करके 143 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 12 अरब भारतीय रुपये) की विदेशी मुद्रा अर्जित की है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में दी जो अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रभारी हैं। इसरो ने पिछले दस वर्षों में यानी जनवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक अपने पीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी रॉकेट के जरिए 393 विदेशी सैटेलाइट और तीन भारतीय ग्राहक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं।
2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन
भारत ने भविष्य के लिए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है जो 2035 तक तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही भारत का 2040 तक पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर भेजने का भी योजना है।
प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला अंतरिक्ष
2020 में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल दिया था जिससे इस क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। प्राइवेट कंपनियों और स्टार्टअप्स की बढ़ती भागीदारी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और मजबूत बना रही है।
भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती ताकत
इन उपलब्धियों के साथ भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की है और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।